COLLEGE WALA PYAR
सरला और विकास की पहली मुलाकात कॉलेज पार्किंग में झगड़ें के साथ हुई | दोनों को अपनी गलती स्वीकार नही थी तो बात का सुलझना संभव नही था दोनों एक दुसरे को दोस देते इसे ही चले गये |
सरला मन ही मन में बडबडा रही थी कैसे लोग है दिखाई नहीं देता कि पहले से कोई स्कूटी पार्किंग में खड़ी है तो अपनी बाइक को थोड़ी दूर खड़ी करें पर इतनी समझ है कहा लोगों में ,खेर छोड़ो मुंह कोन लगे इन लपंगो से नहीं तो एक बार में ही सुधर जाएगा |अगली बार कुछ किया तो छोड़ेगी नहीं |
उधर विकास भी अपना गीत गाये जा रहा था कोन समझाए इन पापा की परियों को कि ज्यादा जिद्दी होने से गलती सामने वाले की नहीं हो जाती है
अगले दिन दोनों की फिर से मुलाकात हो जाती है आज दोनों कॉलेज की केन्टीन में मिलते है दोनों कॉलेज में नये आये थे तो दोनों के ही दोस्त नहीं थे इसलिए दोनों अकेले ही थे | सरला केन्टीन में जाती है तो विकास पहले से बैठा चाय पी रहा था वह मन ही मन कहती है लो फिर से हाजिर है महाशय !वह इधर उधर नजरे घुमाने के बाद जब कोई जगह खाली नहीं मिली तो विकास के सामने आकर बैठ गयी और एक चाय का आर्डर दिया चाय आने तक वह अपने मोबाइल में मस्त हो गयी सरला की चाय आने से पहले ही विकास अपनी चाय ख़त्म कर चूका था वह अपना मोबाइल निकाल कर कुछ ब्लॉग पढ़ने लगा था |
सरला अपनी चाय पीना शुरू कर ही रही थी कि उसे जोर से एक छींक आती हैं और उसकी चाय बिखर जाती है जिसके कुछ छींटे विकास के शर्ट पर जाकर गिर गये थे आस पास के सब लोग अपनी चाय कॉफ़ी में व्यस्त थे जिनको इस बात की भनक भी नहीं लगी | विकास ने सरला की आँखों में गुच्छे से देखा और उठकर गया और नल चालू कर अपना शर्ट पानी से भिगोया और चुपचाप वह से चला गया |सरला ने दूसरी चाय आर्डर की और पीकर वह भी चली गयी वह मन ही मन सोच रही थी यहाँ पर भीड़ की वजह से नहीं बोला होगा बाहर किसी सांप की तरह फन करके डसने को तैयार होगा |
पर बाहर आकर उसने देखा तो वह वहां पर भी नहीं था सरला रहत की श्वास लेती है और क्लास में चली जाती है वह क्लास में जाकर देखती है कि विकास क्लास में बेंच पर सिर टिकाकर सोने का प्रयास कर रहा था सरला सीधे उसके पास गयी और बोली आई ऍम सॉरी वो छींक आने पर में कंट्रोल नहीं रख पाई और चाय आप पर गिर गयी थी |विकास से सिर उठाया और सरला के सामने देखकर बोला इट्स आल राईट |
विकास अपने बेग से किताब निकालकर पन्ने पलटना शुरू कर देता है सरला अपनी जगह जाकर बैठ जाती है |
विकास गांव का लड़का है जो पढाई करने के लिए शहर आया है उसके पिताजी गांव के सरपंच है और कई सेकड़ो बीघा जमीन और सब सुख सुविधाओं से सम्पन परिवार है पर सब लोग ईमानदार और मेहनती है |
घर आने वाले मेहमानों का आदर सत्कार उनके खून में ही था विकास अपने माता पिता की इकलोती संतान है जो कई मन्नतो के हुआ था तो उसको लाड़ प्यार कुछ ज्यादा ही मिला था पर साथ में संस्कार और सेवाभाव भी मिला था
विकास पढाई में एक सामान्य विद्यार्थी था पर व्यवहार कुशल और सरल स्वभाव वाला था जिसके गांव में खूब सरे दोस्त थे पर शहर में वह अभी नया था तो उसका कोई दोस्त नहीं था कुछ रिश्तेदार थे पर विकास का मन उनसे मेल कम ही खाता था इसलिए वो उनसे कम ही मिलता था |
उधर सरला का परिवार कई वर्षों से ही शहर के विज्ञान नगर में रहता है चार पांच घर शहर के अलग अलग इलाकों में बने हुए है जिनमें गांव से शहर आने वाले पीजी स्टूडेंट्स रहते है सरला के पिताजी एक प्राइवेट कम्पनी में मैनेजर की पोस्ट पर कार्यरत है
सरला का भाई अभी स्कूल में है माताजी गृहिणी है वह पढाई में अच्छी है साथ ही अच्छी वक्ता भी है वह कई बार मंच से बोल चुकी है जिसकी वजह से सब लोग उसे पहचानते है |पर यहाँ कोलेज में उसको भी कोई नहीं जानता है इसलिए वह भी अकेली ही रहती है |
कोलेज खत्म होने पर विकास पार्किंग में आता है तो सरला अपनी स्कूटी निकलने का प्रयास करती है पर निकाल नहीं पा रही थी विकास पहले तो अपनी बाइक निकलता है और फिर सरला की तरफ आता है तो सरला पीछे हट जाती है विकास स्कूटी को बाहर निकालकर खड़ी कर देता है और फिर अपनी बाइक पर बैठ जाता है और जाने लगता है |सरला धीरे से बोलती है थैंक यू ! विकास प्रति उत्तर देता है योर वेलकम और निकल जाता है |
सरला खुद से ही बाते करती है करती है कल तो लपंगा लग रहा था आज एकदम इतना कैसे बदल गया जब चाय गिरी तब भी कुछ नहीं बोला था और अब मेरी हेल्प कर दी कुछ तो गड़बड़ है |वो भी अपने घर को निकल जाती है और कहती है कुछ परेशान सा लग रहा था कल बात करती हूँ | आज घर जाकर भी वो विकास के बारे में सोचती है कि मेने उससे बहस करके उसका मूंड तो ख़राब नहीं कर दिया जब भी मुझको देखता है मुंह उतर जाता है |
अगले दिन वह कॉलेज में विकास को ढूढती पर उसको विकास कही नजर नहीं आता है वह क्लास , केन्टीन और पार्किंग सब जगह खोजती है पर विकास नहीं मिलता है | तक़रीबन एक सप्ताह बाद में विकास कॉलेज आता है जैसे ही क्लास खत्म हुई सब लोग बाहर चले गये पर विकास क्लास में ही था वह अपने बैग पर सिर टिकाकर बैठ गया |आज सरला भी चाय पीने नहीं गयी वह विकास के पास गयी और बोली हेल्लो विकास हाउ आर यू विकास सिर उपर करते हुए बोला हाय .. फिर रुक गया तो सरला बोलती है माय सेल्फ सरला और अपना हाथ आगे करती है विकास हाथ मिलते हुए माय सेल्फ विकास एंड आई ऍम फाइंड एंड यूं ? आई आल्सो फाइंड क्या हो गया था सप्ताह भर से कॉलेज नहीं आये थे आप ?
विकास ललाट में सलवटें डालते हुए आपको कैसे पता की में सप्ताह भर कॉलेज नहीं आया सरला उदास होते हुए हुए कहती है उस दिन आप कुछ परेशान लग रहे थे तो मैंने सोचा कि आप से बात करती हूँ पर आप तो कॉलेज ही नहीं आये तब से बताओ क्यों नहीं आये थे ? क्या कोई प्रॉब्लम है जिसमे में हेल्प कर सकती हूँ |
विकास : दरअसल में अभी अभी शहर आया था तो कुछ मन नहीं लग रहा था और कोई दोस्त भी नहीं था अकेले में घर की बहुत याद आती थी और में एक ही भाई हूँ तो घरवाले भी बहुत याद कर रहे थे में घर से बाहर पहली बार निकला हूँ इसलिए एक बार घर जाकर आ गया तो कुछ दिन मन लगा रहेगा और फिर से जाकर आ जाऊंगा |
सरला हँसते हुए बोली और फिर शहर वाले हो जाओगे और गांव की याद नहीं सताएगी और दोस्त भी बन जाएगे हाँ वो भी है विकास बीच में ही बोलता है |
सरला फिर से बोलती है टाइम होने वाला है चलो एक कप चाय पीकर आते है दोनों चाय पीने चले जाते है विकास थोडा दूरी पर बैठता है तो सरला पास आकर बोलती है डरो मत आज चाय नहीं गिराऊंगी विकास मुस्करा देता है दोनों चाय पीकर वापस क्लास में चले जाते है |
आज दोनों पार्किंग में साथ साथ जाते है और एक साथ ही घर को निकल जाते है अब वे काफी परिचित दोस्त की तरह व्यवहार करते है |
एक दिन सरला कॉलेज नहीं आती है तो विकास का दिन बड़ा मुश्किल से निकला ,घर जाने पर वह उसे फ़ोन करता तो पता चलता है उसकी स्कूटी ख़राब हो गयी है ठीक होने के बाद आएगी | विकास गुच्छे से कहता है कल तुम कॉलेज आओगी
सरला : कल किसमें आउंगी ? मेरे यहाँ से तो कैब भी नहीं मिलती है |
विकास : तुम लोकेशन सेंड करो कल में आऊंगा आपको लेने का लिए समझी क्या ? और हाँ अब कोई बहाना नहीं बनाओगे ठीक है |
सरला : पर मेरा घर तो बहुत दूर है आपके घर से ?
विकास : वो मेरी टेंसन है आपकी नहीं ! याद रखना कल ठीक ८ बजे तैयार रहना ओके बाय |
विकास सरला को लेने उसके घर जाता है और वापस छोड़ने भी जाता है यही सिलसिला करीब सप्ताह भर चलता है दोनों का एक दुसरे के बिना घडी भर वक्त निकलना भी बहुत मुश्किल था |दोनों की दोस्ती के चर्चे पूरी कॉलेज में होते थे दोनों पढाई में भी एक दुसरे की मदद करते और दूसरे काम में भी पर अब तक वे दुनियादारी से वाकिफ नहीं थे उनकी दोस्ती पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा हो समझो |
सरला के घर वाले उसका रिश्ता कराने की बाते करने लगे थे यह बात सरला को तो पता थी पर विकास इस बात से अनजान था सरला हमेशा निराश रहने लगी थी पूछने पर भी कुछ नहीं बता पाती थी फिर एक दिन विकास ने उससे साफ साफ कह दिया की अब हमारी दोस्ती ज्यादा नहीं चल सकती है तो प्लीज् इसे यही पर ख़त्म कर दिया जाए सरला आग बबूला होते हुए बोली पर ऐसा क्यों विकास भीं गुच्छे में लाल पीला था उसने कहा कि तुम मुझे अपना दोस्त समझती ही नहीं हो अगर समझती तो बता तो देती क्या प्रॉब्लम है हो सकता है में आपकी मदद क्र दू यदि नहीं कर पाऊ तो क्या आप मुझे अपनी परेशानी भी नहीं बताओगे ?में तो नया था तो अपनी हर परेशानी आप को बताता था तो आप क्यों नहीं बता सकते ?
सरला भरे हुए गले से बोलती है क्या बताऊ यार बहुत बड़ी समस्या में फस गयी हूँ फिर रूककर एक गिलास पानी पीकर यार मेरे घरवाले मेरी शादी कर रहे है इधर उधर रिश्ते की बाते हो रही है जो में नहीं चाहती हूँ |
विकास : आप क्यों नहीं चाहती है शादी तो एक दिन सबको करनी पड़ती है ?
सरला : पर में तो आप से शादी करना चाहती हूँ विकास आपके साथ ही पूरी जिन्दगी जीना चाहती हूँ आई लव यू विकास आई लव यू !
सरला अपना सिर विकास के कंधे पर रखकर फुट फुट कर रोने लगती है और विकास उसे गले लगा लेता है और बोलता है आई लव यू टू सरला ,दोनों एक दुसरे को कसकर गले लगा देते है |