शरारती बच्चा
एक छोटा सा बच्चा था जो कि बहुत शरारती था। उसके माँ-बाप ने उसे कई बार समझाया कि वह शरारत नहीं करना चाहिए, लेकिन बच्चा न सुनता था।
एक दिन, बच्चा एक बड़ी से बड़ी शरारत करते हुए गिर गया था। उसे दर्द हुआ लेकिन उसने अपनी माँ को नहीं बताया।
धीरे-धीरे दर्द बढ़ता गया और बच्चा बिल्कुल ठीक नहीं हो रहा था। तब उसने अपनी माँ से बात की और उसे अस्पताल ले गए।
डॉक्टर ने बताया कि उसका पैर टूट गया है और अगर उसने तुरंत बताया होता तो यह सब नहीं होता।
बच्चा ने खुद को समझ लिया कि शरारत करना गलत होता है और उसे समझ आ गया कि उसे अपनी माँ-बाप की बातों पर विश्वास करना चाहिए।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें शरारत नहीं करनी चाहिए और हमें अपने माँ-बाप की बातों पर विश्वास करना चाहिए।