रोहन हमेशा से बॉयज स्कूल में पढने वालो में से एक लड़का हैं जो हमेशा अपनी धुन में मस्त रहना पसंद करता हैं |पतला शरीर और लम्बी कद काठी और भरे भरे गालो के साथ उसका गोरा रंग और सिल्की बाल उसकी सुन्दरता को मानो चार चाँद लगा रहे रहे हो | सीधा साधा और व्यवहार कुशल लड़का जो अभी जिम्मेदारियों से अनभिज्ञ था |
एक दिन वह मोहल्ले के गार्डन में टहल रहा था कि एक लड़की बहुत उतावली सी सामने से आयी और पता नही कब रोहन से टकरा गयी टकराते ही वह फिसल कर नीचे गिर गयी और उसके मुहं से चीख निकल पड़ी रोहन कुछ समझ पाता उससे पहले ही पास में गफे लड़ा रहे चार – पांच अंकल टाइप लोग रोहन की धुनाई कर देते हैं कोई पीछे से लात मरता हैं तो वह मुहं के बल जमीन पर जा गिरता हैं और रोहन के मुहं से चीख निकलती हैं मम्मी …. पास में खड़ा एक युवक बोलता हैं क्यों निकल गयी न हेकड़ी हड्डियों पर मांस तो है ही नही और चले लड़की छेड़ने |यह सुनकर पास में खड़े सभी लोग हँसने लग जाते है रोहन दर्द कराहते हुए धीरे से बोला कोनसी लड़की | यह सुनकर पास में खड़े लोग फिर से हँसने लग जाते हैं इतने में वह लड़की बीच में ही बोली क्यों मारा इनको इन्होने मुझे नही छेड़ा में ही भागती हुई जा रही थी कि अचानक इनसे टकरा गयी और पैर फिसलने के कारण गिर गयी आप लोगो ने बिना कुछ पूछे ही इनकी पिटाई कर दी इतना बोलकर वह गुच्छे से लाल पिली होकर सबको घुरने लगी |
अंकल लोग समझ चुके थे अब यहाँ से निकलने में ही भलाई हैं एक एक करके सब खिचक गये सभी ने बहती गंगा में हाथ धो लिए थे | रोहन धीरे से खड़ा होता और चारो नजरे घुमाता हैं सब लोग जा चुके थे जबकि वह लड़की अभी भी वही पर खड़ी रोहन को एकटक देखे जा रही थी रोहन ने उसकी तरफ देखा तो नजरे मिलते ही उसने अपना सिर झुका लिया |
रोहन जाने लगा |वह अभी दो चार कदम ही चला होगा कि पीछे से एक आवाज आई अजी सुनिए रोहन रुका फिर धीरे से पीछे मुड़ा और बोला जी .. कहिये वह लड़की रूआसे गले से बोली आई एम् सॉरी सर मेरी वजह से आपको यह सब झेलना पड़ा इतना कहकर वह चुप हो गयी | रोहन धीरे से दर्द भरी आवाज में बोला इसमें आपकी कोई गलती नही है थोड़ा रुकने के बाद फिर बोला वो ही गलत समझ गये थे और रोहन का गला भर आता है वह चुप हो जाता है |
दोनों एक दुसरे की आँखों में देखते है और कुछ देर तक ठहर जाते है कोई कुछ भी नही बोलता हैं अचानक रोहन चारो तरफ देखता हैं और चलने लगता है वह भी चली जाती है वह रात भर रोहन के बारे में ही सोचती रही इसी कारण ठीक से सो नही पाई पता नही कोन था बेचारा बिना फालतू में ही पिट गया और वो लोग भी बिना कुछ सोचें समझे किसी की भी पिटाई कर दी |
उधर रोहन भी काफी दुखी था वह उस लड़की के कारण नही बल्कि बिना मतलब पड़ी मार के कारण था वह मन ही मन में कभी हँसता तो कभी दर्द के कारण रोता भी पर उसने घर पर किसी को बताया नही की वह मार खाकर आया हैं काफी देर तक कोशिस करने के बाद भी उसको नीद नही आई तो वह दर्द की दवाई खाकर सोने का प्रयास करने लगा इस बार उसे नीद आ गयी और सुबह काफी देर से जगा |रोहन का शरीर जकड गया था उसने अंगड़ाई ली और हल्का व्यायाम किया फिर तैयार होकर अपने काम में लग गया |
दो तीन दिन बाद दोनों की फिर से मुलाकात होती है उसी मोहल्ले के गार्डन में नजरे मिलने के तुरंत बाद वह लड़की रोहन के पास आकर खड़ी हो जाती है रोहन उसकी तरफ देखता हैं फिर आस पास देखकर मुस्कराते हुए बोलता हैं आज फिर से तो पिटाई नही होगी न ? वह धीरे से बोली नही एसा कुछ भी नही होगा रोहन उसकी तरफ एकटक देखता ही रहता है |
क्या में आपका नाम जान सकती हूँ ?
रोहन : माय सेल्फ रोहन एंड यू ? ( रोहन उसकी आँखों में देख रहा था उसने भी रोहन से नजरे मिलाते हुए कहा माय सेल्फ भावना ) रोहन मुस्कराते हुए बोला बहुत प्यारा नाम है आपका |
भावना : नाम तो आपका भी बहुत प्यारा है वेसे आप पिछले दो तीन दिन से गार्डन में क्यों नही आये थे ?
रोहन : मेरा मूड कुछ ठीक नही था पर आप क्यों पूछ रहे हो फिर से हजामत करवाने का प्लान था क्या ? वेसे आपको क्या पता की में रोज गार्डन में आता हूँ ?
भावना : नही ऐसा कुछ नही हैं दरअसल आपके बारे में सोचते सोचते दो तीन दिन से नीद ही नही आती है तो सोचा एक बार मिल लू शायद कुछ फर्क पड़ जाए और ऐसा तो कुछ पता नही कि आप रोज आते हैं वेसे ही पूछ लिया था |
रोहन : अच्छा जी ! ऐसा क्या हो गया था ?
भावना : में उस घटना के बारे में ही सोच रही थी इतना सब कुछ होने के बाद भी आप मेरे पर या उन लोगो पर गुच्छा नही हुए नहीं तो माहोल और खराब हो जाता |फिर थोड़ी रुककर , मुझे ऐसा क्यों लगता हैं कि आप किसी बात से परेशान हैं यदि नही तो आप जरुर कुछ प्रतिक्रिया देते पर आप ने तो सब कुछ सहन कर लिया |
रोहन भावना की बात बड़े धयान से सुन रहा था अपनी बारी आने पर बोला नही जी ; एसी कोई बात नही है पर जो हो गया उस पर गुच्छा करके उसको बदला तो नही जा सकता न | झमेला खड़ा करके क्या मिलता ?
भावना भरे हुए गले से बोलती है यू आर सो स्वीट रोहन थोड़ी रुककर फिर से बोलती है क्या में जान सकती हूँ कि आप क्या काम करते हैं या किसी कॉम्पीटिशन की तैयारी कर रहे हैं ? भावना इतना कहकर रोहन के उत्तर का इन्तजार करने लगती हैं |
रोहन : ( लम्बी श्वास छोड़ते हुए ) नही जी अभी कहा कॉम्पीटिशन अभी अभी तो मेरी स्कूल कम्पलीट हुई हैं कॉलेज में देखेगे किसी कॉम्पीटिशन या जॉब के बारे में और आप ?
भावना : मेरी भी अभी अभी स्कूल कम्पलीट हुई हैं टूर एंड ट्रेवेल में डिप्लोमा करने के बारे में सोच रही हूँ |
रोहन : आश्चयर्य पूर्वक टूर एंड ट्रेवेल ! गुड प्लान मुझे भी घूमना फिरना और नई – नई जगह पर जाना बहुत अच्छा लगता हैं |
भावना जिज्ञासा पूर्वक पूछती हैं तो कोन कोन सी जगह विजिट की हैं आपने ?
रोहन : नही अभी तक तो कही पर भी नही गया पर जाने का और घुमने का मन तो बहुत करता हैं आप कुछ गाइड करो न की कहा पर जाना चाहिए फर्स्ट टाइम ट्रेवेलर को ?
भावना हँसते हुए अभी तो मेरा डिप्लोमा स्टार्ट भी नही हुआ पर इतनी सलाह जरुर दे सकती हूँ कि शुरुआत अपनी सिटी और उसके आस पास की जगह को एक्स्प्लोर करके करनी चाहिए |
रोहन का मोबाइल बजता हैं उसकी मम्मी का फोन था |
रोहन : एक्स क्युज मी ! मेरी मम्मी का फ़ोन है तो मुझे अभी घर पहुचना होगा कल फिर मिलते हैं इसी टाइम पर बाय |इतना कहते हुए रोहन हाथ हिलाता है और जल्दी से निकल जाता हैं |
भावना रोहन के बारे में बहुत कुछ जानना चाहती थी पर बहुत कम जान पाई थी और कुछ सवाल नये जुड़ गये थे कि कोई लड़का ऐसा कैसे हो सकता हैं ? वह मन ही मन बडबड़ाटी है ( लपंगे तो बहुत घूमते हैं हर जगह पर बेचारे इस सीधे साधे लड़के को बिना फालतू में ही पीट दिया पता नही कैसे है ये लोग ) फिर भावना भी अपने घर चली जाती हैं और रोहन के साथ पूरा जयपुर शहर और आस पास के दर्शनीय स्थानों पर घुमने का प्लान करने लगती हैं पता नही कब उसकी आँख लग जाती है और वह सो जाती है |
अगले दिन वह उसी टाइम पर गार्डन में जाती है जिस टाइम पर पिछले दिन उनकी मुलाकात हुई थी बहुत सारे लोगो के बीच में भावना की नजरे तो सिर्फ रोहन को ही दूंढ रही थी पर बहुत देर तक इंतजार करने के बाद में भी उसको रोहन कही दिखाई नही दिया और थक हर कर वह घर चली गयी आज फिर से उसके मन में ढेर सारे सवाल आ रहे थे कि क्या हुआ होगा जिस कारण रोहन गार्डन में नही आया होगा |
पर जो भी कारण है में उसे कल मिलकर पूछ लुंगी भावना रोहन को फेसबुक पर ढूढने की कोशिस करती है पर उसे रोहन की प्रोफाइल नही मिलती हैं |
अगले दिन उसी टाइम पर भावना फिर से गार्डन में आ जाती है उसकी निगाहे आज भी रोहन को तलाश रही थी पर रोहन कही पर भी नजर नही आया थक हर कर ओह गार्डन का एक चक्कर लगाती है और घर चली जाती हैं पर वह अभी भी इसी उम्मीद में है कि रोहन एक बार उससे जरुर मिलेगा इसी क्रम में उसका एक सप्ताह बीत जाता है |फिर एक दिन भगवान ने उसकी सुन ली हो जैसे वह गार्डन में प्रवेश करती है तो सामने ही एक बेंच पर रोहन दिखाई दिया शायद रोहन भी भावना का इंतजार कर रहा हो |
वह तेजी से भागती हुई रोहन के पास पहुँच जाती है और बोलती है हाय रोहन ……. रोहन उसकी तरफ देखता है और भावना को देखते ही अपनी बेंच से खड़ा हो जाता है लड़खड़ाती हुई आवाज में बोलता है भावना आप …| भावना सवालो का पिटारा लेकर खड़ी है और एक एक करके सवाल दागना शुरू करती है आप ठीक तो है न ? क्या हो गया आप इतने दिन से आये क्यों नही ?सब कुछ ठीक तो है न ?
रोहन : सारे सवाल एक साथ ही करने है आपको भी रुको जरा एक एक करके सब बताता हूँ | दरअसल में और मेरी माताजी उस रात को खाटूश्यामजी के दर्शन करने के लिए निकल गये थे अगले दिन वही पर रुके थे फिर सालासर बालाजी के दर्शन के लिए निकल गये थे बालाजी के दर्शन के बाद हम वापस जयपुर आ गये थे पूरी यात्रा बस के द्वारा की थी तो काफी तज गया था तो दो दिन तक घर पर ही रहा फिर आज दोपहर में अचानक याद आया की मुझे तो भावना जी से मिलना था इसलिए ने जल्दी ही आ गया पर आप तो काफी देर से आई हो मुझे तो घंटा भर हो गया आप का इंतजार करते हुए |
भावना : एक घंटा ज्यादा लग रहा है इधर किसी ने आपका सप्ताह भर इंतजार किया है पर छोड़ो यात्रा केसी रही आपकी ?
रोहन : बहुत आनंद आया और मंजिल से ज्यादा तो सफर खुबसूरत था |
भावना : कभी हमारे साथ में भी घूम लिया करो और बताओ आप हमेशा अपनी धुन में खोये से क्यों रहते है ? कोई परेशानी हो तो आप मुझे बता सकते हो ?
रोहन : जरुर आपके साथ में जरुर घुमेगे पर कोई बढ़िया प्लेस तो बताओ जहाँ पर जाकर एक दिन में ही वापस जयपुर आ सके ? और मेरे साथ कोई परेशानी नही है में हमेशा इसी तरह ही रहता हूँ |
भावना : ( मुह बनाते हुए ) क्यों ?
रोहन : वो में बचपन से बॉयज स्कूल में पढा हूँ ओर कोई दोस्त भी नही है तो में अपने में ही मस्त रहता हूँ |